भारत एक परिचय


भारतीय इतिहास

भारत दक्षिणी एशिया में बसा कृषि प्रधान और हर दृष्टिकोण से सम्पन्न देश है। इसका इतिहास युगों- युगों से नयी-नयी कहानियों पर आधारित गौरवशाली रहा है। इस भारत भूमि को ईश्वर की भी धरती कही जाती है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण से लेकर क्यी युग महापुरुषों ने जन्म लिया है। यह देश में दुनिया के 4 धर्मों की शुरुआत की साक्षी है जिसमें हिन्दू, बौद्ध, जैन व सिक्ख, जिसका पालन दुनिया के लगभग 16 प्रतिशत जनसंख्या करती है। इस देश में 22 अधिकारिक भाषाओ का प्रयोग किया जाता है। भारत का अलग-अलग विदेशी दार्शनिकों ने इंडिया, हिन्दुस्तान तथा आर्यावर्त के नाम से पुकारा। इस देश को भारत को तीन काल खंडों में बाँटा गया।


प्राचीन इतिहास

प्राचीन इतिहास को भारतीय इतिहास के अति महत्वपूर्ण काल खंड माना जाता है जो इतिहासों के परिदृश्य को समझने में मदद करती है। इस काल में भारत के प्राचीन संस्कृति तथा रहन-सहन के बारे जानने को मिलता है।  इस समय से हमें बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के संस्थापक तथा अनुयायी के बारे में जानने में मदद मिलती है।

                                     प्राचीन भारत 16 जनपद में बँटा हुआ था। जिसमें मगध, गांधार, आवंति, अस्मक या अस्सक अंग, कम्बोज, काशी, कुरू, कोशल, चेद्रि, वज्जी, वत्य या वंश, पांचाल, मत्स्य या मच्छ, मल्ल, सुरसेन महत्वपूर्ण थे। जिनके बीच अक्सर राज्य हथियाने या फिर अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए संघर्ष चलता ही रहता था। 

इसी समय पश्चिम से जब मेकदूनिया के शासक अलेक्जेंडर ने भारत पर आक्रमण किया तो उन्होंने ने सबसे पहले पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश करना चाहा, लेकिन उनके सामने झेलम नदी सबसे बड़ी चुनौती थी जो उस समय इतनी उन्नत तकनीकी न होने वजह से नदी को पर करने के लिए को ब्रिज मौजूद नही था। जिसके कारण उसके सेनाओं के आगे का मार्ग चुनौती भरा था। उस समय झेलम नदी के तट पर पोरस और अलेक्जेंडर के बीच हुए युद्ध को हाइडेस्पीज नाम दिया गया। कहा जाता है इस युद्ध में पोरस की सेना बड़ी बहादुरी से अलेक्जेंडर के के सैनिकों का सामना किया, लेकिन अपनी सेना कम होने तथा न परोसी राजाओं के मदद मिलने के कारण पोरस को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद अलेक्जेंडर को अपनी भूल का एहसास हुआ और विश्व विजय का मार्ग रोककर वापस लौट गया। 


दोस्तों भारत के प्राचीन इतिहास के बारे किसी और लेख की मदद से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करूगा।

मध्यकालीन भारत

मध्यकालीन भारत के शुरुआत से ही भारत में विदेशियों के आक्रमणों बढ़ना शुरू हो गया।


आधुनिक इतिहास 

आधुनिक इतिहास भारत के आधुनिकता के वजह से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है आधुनिक भारत अधिकांशतः अग्रेंजी शासकों का गुलाम ही रहा। जहाँ हमें उनके द्वारा बनाये गए नीति नियमों का मानना पड़ा। जो आगे चलकर राष्ट्रीय आंदोलन की शुरुआत का कारण बना। इस युग में बहुत सारे महापुरुषों तथा बुध्दिजीवियों ने जन्म लिये। जो भारत के लोगों को अंग्रेजों के द्वारा अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध जागृत किया तथा उनके आंदोलनोंकी नेतृत्व भी किये।



भौगोलिक विस्तार 

भारत, पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में 8°4' से 37°6' उत्तरी अक्षांश तथा 68°7' से 97°25' पूर्वी देशांतर में स्थित है। भारत का मैदानी विस्तार उत्तर में हिमालय पर्वत से लेकर दक्षिण में हिन्द महासागर तक तथा पूर्व में म्यांमार से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान की लगती सीमाओं तक सिमित है। इस देश की जलवायु में दुनिया के बाकी देशों के अलावे कई प्रकार के जीवन अनुकूल उत्तर से दक्षिण तक अलग-अलग वातावरण मौजूद हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत दुनिया में 7वें स्थान पर है जिसका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है। भारत प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न देश होने के कारण यह दुनिया के देशों की सूची में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यहाँ मुख्य रूप से कोयला, लोहा, अभ्रक, एल्युमिनियम पेट्रोलियम गैस के अलावे कई प्रकार के धातु तथा अधातु धरती के खानों से निकलते हैं। भारत की जनसंख्या 130 करोड़ के आसपास है जो दुनिया में दूसरे सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के परोसी देश चीन की जनसंख्या दुनिया में सबसे अधिक है। भारत की जनसंख्या का लगभग 80% आबादी हिन्दू धर्म, 16% मुस्लिम धर्म और 4% आबादी अन्य धर्म जैसे सिक्ख, बौद्ध, जैन, ईसाई तथा अन्य धर्म को मानते हैं।


                         भारत की लगभग 60% जनसंख्या गाँवों में निवास करते हैं जिनका जीवन मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर करती है। जो देश के अर्थव्यवस्था में 20% अपना योगदान देते हैं। भारत में मुख्य रूप से चावल, गेहूं, मक्का तथा तिलहन और दलहन खेती कर आनाज उपजाए जाते हैं। इसके अलावे कई प्रकार के फल और सब्जियां उगायी जाती है जिसमें आम, केला, अनार, लीची, आलू, बैंगन तथा अन्य उपयोगी फल और सब्जियां उगायी जाती है। इसके अलावे भी भारत में कई तरह की कृषि की जाती है।